महामृत्युंजय मन्त्र जिसे त्रयम्बकम मन्त्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वन्दना है। इस मन्त्र में शिव को ‘मृत्यु को जीतने वाला’ अर्थात मृत्युंजय बताया गया है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु टल जाती है, मृत्यु शैय्या पर पड़ा व्यक्ति भी उठ कर खड़ा हो जाता है यानी यह मंत्र लाइफ सेविंग ड्रग का काम करता है। जिनकी जन्म कुण्डली में चंद्रमा, राहु व शनि अनिष्ट हों, उनके लिये विशेष लाभप्रद है।
मंत्र
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ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!
अर्थ
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हम उस त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की आराधना करते है जो अपनी शक्ति से इस संसार का पालन -पोषण करते है, उनसे हम प्रार्थना करते है कि वे हमें इस जन्म -मृत्यु के बंधन से मुक्त कर दें और हमें मोक्ष प्रदान करें।
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